Encyclopedia of Muhammad

नबी इस्‍हाक عليه السلام

अरबी नाम इस्‍हाक पिता इब्राहीम मां सारा जीवनसाथी रेबेका वंशज एसाव और याकूब/याकूब शांत स्थान Cave of Patriarchs

पैगंबर हज़रत इस्‍हाक

इसाक, 1 जिन्हें अरबी में इस्‍हाक (اسحاق) के नाम से जाना जाता है, अल्लाह के पैगंबर थे 2 यहूदी, ईसाई और इस्लाम धर्म सहित इब्राहीमी धर्मों के वह एक प्रमुख व्यक्ति थे। उनका जन्म इस्माइल के बाद इब्राहीम और सारा से हुआ था। 3 वह याकूब के पिता और इस्राईल के बारह कबीलों के दादा थे

जन्म

बाइबिल बताता है कि इब्राहीम को उनके जन्म की खुशखबरी तब दी गई जब वह 100 वर्ष के थे। उन्हें बताया गया उन्हें एक बेटा होगा जिसका नाम इस्‍हाक होगा। 4 पवित्र कुरआन में इसका वर्णन इस प्रकार किया गया है:

  وَلَقَدْ جَاءَتْ رُسُلُنَا إِبْرَاهِيمَ بِالْبُشْرَى قَالُوا سَلَامًا قَالَ سَلَامٌ فَمَا لَبِثَ أَنْ جَاءَ بِعِجْلٍ حَنِيذٍ 69 فَلَمَّا رَأَى أَيْدِيَهُمْ لَا تَصِلُ إِلَيْهِ نَكِرَهُمْ وَأَوْجَسَ مِنْهُمْ خِيفَةً قَالُوا لَا تَخَفْ إِنَّا أُرْسِلْنَا إِلَى قَوْمِ لُوطٍ 70 وَامْرَأَتُهُ قَائِمَةٌ فَضَحِكَتْ فَبَشَّرْنَاهَا بِإِسْحَاقَ وَمِنْ وَرَاءِ إِسْحَاقَ يَعْقُوبَ 71 قَالَتْ يَاوَيْلَتَا أَأَلِدُ وَأَنَا عَجُوزٌ وَهَذَا بَعْلِي شَيْخًا إِنَّ هَذَا لَشَيْءٌ عَجِيبٌ 72 قَالُوا أَتَعْجَبِينَ مِنْ أَمْرِ اللَّهِ رَحْمَتُ اللَّهِ وَبَرَكَاتُهُ عَلَيْكُمْ أَهْلَ الْبَيْتِ إِنَّهُ حَمِيدٌ مَجِيدٌ 73 5
  और हमारे भेजे हुए फ़रिश्ते इब्राहीम (अब्राहम) के पास खुशखबरी लेकर आए। उन्होंने उसे सलाम किया तो इब्राहिम ने जवाब में सलाम किया। फिर उसने कुछ देर न की और (आतिथ्य-सत्कार के लिए) एक भुना हुआ बछड़ा ले आए । फिर जब (इब्राहीम ) ने देखा कि उनके हाथ उस (पकवान) की ओर नहीं बढ़ते, तो उन्हें अजनबी समझ लिए और (अपने) दिल में उनसे थोड़ा डर महसूस किया। वे कहने लगे: 'डरो मत। हमें लूत के लोगों की ओर भेजा गया है।' और उसकी पत्नी (सारा ) जो (उसके पास) खड़ी थी, हँस पड़ी। तो हमने उसकी (पत्नी को) इस्हाक (इसाक़) और इस्ह़ाक़ के पश्चात् याकूब (जेकब) के जन्म की ख़ुशख़बरी दे दी। वह बोली: 'अद्भुत!। जब मैं बूढ़ी हो जाऊं और मेरा पति भी बूढ़ा हो जाए तो क्या तब मेरी संतान होगी? वास्तव में, ये बड़े आश्चर्य की बात है। फ़रिश्तों ने कहाः क्या तुम अल्लाह के आदेश से आश्चर्य कर रही हो? ऐ घर वालों! तुम सब पर अल्लाह की दया तथा सम्पन्नता (रहमत और नेमत) है, निसंदेह वह अति प्रशंसित, श्रेष्ठ है।’

यह खुशखबरी इब्राहीम और सारा को तीन फरिश्तों (गेब्रियल, माइकल और इसराफेल) द्वारा दी गई थी जो मदायन में लूत के लोगों को उनके बुरे करतूतों के कारण दंडित करने के लिए भेजे गए थे। जब उन्होंने इस्‍हाक की खुशखबरी सारा को दी, तो वह हँस पड़ी और बोली कि वह एक बूढ़ी औरत है (लगभग 90 वर्ष की) और उनका पति भी बूढ़ा है (लगभग 100 वर्ष का) इस उम्र में उनका बच्चा कैसे हो सकता है? फ़रिश्तों ने कहा कि लोगों को किसी भी उम्र में बच्चों का आशीर्वाद देना सर्वशक्तिमान अल्लाह की शक्ति में है और उसने आप पर अपनी कृपा की है। 6 इसके बाद इस्‍हाक का जन्म हुआ।

कुर्बानी (बलिदान): इस्‍हाक या इस्माइल

हालाँकि बाइबिल और पवित्र कुरआन स्पष्ट रूप से उस व्यक्ति को चिन्हित करते हैं जिसे कुर्बानी के लिए चुना गया था, लेकिन कुछ यहूदी और ईसाई इसके बारे में परस्पर विरोधी विचार रखते हैं। पवित्र कुरआन और बाइबिल के अनुसार, जिस व्यक्ति को कुर्बानी के लिए चुना गया था वह कोई और नहीं बल्कि इस्माइल थे। फिर भी, यहूदी और ईसाई विद्वानों का कहना है कि यह इस्‍हाक थे और निम्नलिखित बाइबिल श्लोक का हवाला देते हैं:

  אוַיְהִ֗י אַחַר֙ הַדְּבָרִ֣ים הָאֵ֔לֶּה וְהָ֣אֱלֹהִ֔ים נִסָּ֖ה אֶת־אַבְרָהָ֑ם וַיֹּ֣אמֶר אֵלָ֔יו אַבְרָהָ֖ם וַיֹּ֥אמֶר הִנֵּֽנִי:בוַיֹּ֡אמֶר קַח־נָ֠א אֶת־בִּנְךָ֨ אֶת־יְחִֽידְךָ֤ אֲשֶׁר־אָהַ֨בְתָּ֙ אֶת־יִצְחָ֔ק וְלֶ֨ךְ־לְךָ֔ אֶל־אֶ֖רֶץ הַמֹּֽרִיָּ֑ה וְהַֽעֲלֵ֤הוּ שָׁם֙ לְעֹלָ֔ה עַ֚ל אַחַ֣ד הֶֽהָרִ֔ים אֲשֶׁ֖ר אֹמַ֥ר אֵלֶֽיךָ: 7
  और इन बातों के बाद ऐसा हुआ कि ईश्‍वर ने अब्राहम की परीक्षा ली, और उससे कहा, "अब्राहम, " और उसने कहा, ''मैं यहां हूं।'' और उसने कहा, ''अपने पुत्र, अपने एकलौते पुत्र, जिससे तुम प्रेम करते हो, हाँ, इस्‍हाक को ले लो, मोरियह कि भूमि पर चले जाओ, और वहां एक पहाड़ पर जिसके बारे में मैं तुम्‍हें बताऊंगा उसे बलि चढ़ाने के लिए ले आओं।''

बाइबिल की आयतों के अनुवाद से स्पष्ट पता चलता है कि परमेश्वर ने अब्राहम की परीक्षा उनके 'एकमात्र बच्चे' से की, जो इस्हाक नहीं हो सकते थे। (जैसा कि श्‍लोक में बताया गया है यह एक अतिरिक्त जैसा लगता है) क्योंकि बाइबिल की अन्य आयतों में कहा गया है कि इस्‍हाक उनका एकमात्र बच्चा नहीं था। इस्‍हाक के जन्म के समय, इस्‍माइल पहले से ही मौजूद थे और उनकी उम्र लगभग 14 साल थी। इसके अतिरिक्त, बाइबिल बताता है कि जब इस्‍माइल का जन्म हुआ तब इब्राहीम 86 वर्ष के थे। और जब इस्‍हाक का जन्म हुआ तब वह 100 वर्ष के थे। यह इस तथ्य की ओर इशारा करता है कि बाइबिल जिस "एकमात्र बच्चे" का उल्लेख कर रहा है वह इस्‍माईल थे न कि इस्हाक। इसे निम्नलिखित बाइबिल की आयतों के अनुवाद में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है:

  और अब्राहम की पत्नी साराइ के कोई सन्तान न थी और उसकी एक हाजर नाम की मिस्री दासी थी। साराइ ने अपने पति अब्राहम से कहा, देख, ईश्‍वर ने मुझे सन्तान से वंचित कर दिया है। इसलिये मैं तुझ से बिनती करता हूं, कि तू मेरी दासी के पास चला जा, ताकि उससे मेरा घर बस जाए। तो उसने इसे स्वीकार कर लिया। तब साराई ने उसके कनान देश में दस वर्ष तक रहने के बाद अपनी मिस्री दासी को ले जाकर अपने पति को सौंप दिया, कि वह उसकी पत्नी बन जाए। तब वह हाजरा के पास गया। और वह गर्भवती हो गई। परन्तु जब उस ने देखा कि मैं गर्भवती हूं, तो उस ने अपनी स्वामिनी का तिरस्कार किया। 8
  ईश्‍वर के दूत (फरिश्‍ते) ने उससे कहा, देख, तू गर्भवती है, तुझे एक पुत्र होगा, और तू उसका नाम इस्‍माइल रखना, क्‍योंकि परमेश्वर ने तेरे दु:ख की आवाज़ सुन ली हैा 9
  और अब्राहम को हाजर से एक पुत्र हुआ, जिसका नाम ईस्‍माईल रखा गया। और जब इस्‍माइल हाजर के यहाँ पैदा हुआ तब अब्राहम 86 वर्ष का था। 10
  और परमेश्वर ने अब्राहम से कहा, तू अपनी पत्नी को साराइ नहीं, बल्कि सारा कहा कर। मैं उसे आशीर्वाद (बरकत) दूँगा और तुझे उससे एक पुत्र दूँगा। और मैं उसे ऐसा आशीर्वाद दूंगा, कि वह जाति जाति की मूलमाता ठहरेगी, और जाति जाति के राजा उस से उत्पन्न होंगे। तब अब्राहम मुँह के बल गिर पड़ा और हँसकर मन में कहा। क्या सौ साल के बूढ़े को बेटा पैदा होगा? और क्या सारा जो नब्बे वर्ष की है, उसको एक पुत्र उत्पन्न होगा? और अब्राहम ने परमेश्वर से कहा। काश इस्‍माइल तेरे सामने जीवित रहे। तब परमेश्वर ने इब्राहीम से कहा। बल्कि तेरी पत्नी सारा से तेरे लिए एक पुत्र होगा, और तू उसका नाम इस्हाक रखना और मैं उसके साथ और उसके बाद उसके वंशजों के साथ अपनी वाचा बान्धूँगा, जो एक अनन्त वाचा है। और इस्‍माइल के पक्ष में मैं ने तेरी बात सुनी। मैं उसे आशीर्वाद दूंगा, और उसे फलदायी करूंगा, और बहुत बढ़ाऊंगा, और उससे बारह सरदार पैदा होंगे और मैं उसे एक महान राष्ट्र बनाऊंगा। परन्तु मैं इस्हाक के साथ अपनी वाचा बान्धूंगा। जो सारा से अगले वर्ष इसी नियत समय पर तेरे लिए पैदा होगा। 11

बाइबिल के पहले तीन अंशों में, हज़रत इब्राहीम को उनके अपने पहले बेटे के बारे में खुशखबरी दी गई है, जो हाजर से पैदा हुऐ थे और उनका नाम इस्माइल रखा गया था। जबकि अंतिम अंश में दूसरे बेटे की खुशखबरी का विवरण दिया गया है, जो सारा से पैदा हुऐ थे और उसका नाम इस्हाक रखा गया था। इससे साबित होता है कि बाइबिल में जिस एकलौते बेटे का ज़िक्र किया गया है, वह कोई और नहीं बल्कि इस्‍माइल थे। अत:, उन्‍हें बलिदान के लिए पेश किया गया था। कुरआन में इसी तरह के विवरण का वर्णन किया गया है।

  فَبَشَّرْنَاهُ بِغُلَامٍ حَلِيمٍ 101 فَلَمَّا بَلَغَ مَعَهُ السَّعْيَ قَالَ يَابُنَيَّ إِنِّي أَرَى فِي الْمَنَامِ أَنِّي أَذْبَحُكَ فَانْظُرْ مَاذَا تَرَى قَالَ يَاأَبَتِ افْعَلْ مَا تُؤْمَرُ سَتَجِدُنِي إِنْ شَاءَ اللَّهُ مِنَ الصَّابِرِينَ 102 فَلَمَّا أَسْلَمَا وَتَلَّهُ لِلْجَبِينِ 103 وَنَادَيْنَاهُ أَنْ يَاإِبْرَاهِيمُ 104 قَدْ صَدَّقْتَ الرُّؤْيَا إِنَّا كَذَلِكَ نَجْزِي الْمُحْسِنِينَ 105 إِنَّ هَذَا لَهُوَ الْبَلَاءُ الْمُبِينُ 106 وَفَدَيْنَاهُ بِذِبْحٍ عَظِيمٍ 107 وَتَرَكْنَا عَلَيْهِ فِي الْآخِرِينَ 108 سَلَامٌ عَلَى إِبْرَاهِيمَ 109 كَذَلِكَ نَجْزِي الْمُحْسِنِينَ 110 إِنَّهُ مِنْ عِبَادِنَا الْمُؤْمِنِينَ 111 وَبَشَّرْنَاهُ بِإِسْحَاقَ نَبِيًّا مِنَ الصَّالِحِينَ 112 12
  तो हमने शुभ सूचना दी उसे, एक सहनशील पुत्र (ईसमाइल) की। फिर जब वह (ईसमाइल) पहुँचा उसके साथ चलने-फिरने की आयु को, तो इब्राहीम ने कहाः हे मेरे प्रिय पुत्र! मैं देख रहा हूँ स्वप्न में कि मैं तुझे वध कर रहा हूँ। अब, तू बता कि तेरा क्या विचार है? उसने कहाः हे पिता! पालन करें, जिसका आदेश आपको दिया जा रहा है। आप पायेंगे मुझे सहनशीलों में से, यदि अल्लाह की इच्छा हूई। अन्ततः, जब दोनों ने स्वयं को अर्पित (अल्लाह की इच्छा के आगे समर्पण) कर दिया उस (इब्राहीम ) ने उसे गिरा दिया माथे के बल (बाद के दृश्य का वर्णन नहीं किया गया है) तब हमने उसे आवाज़ दी कि हे इब्राहीम ! तूने सच कर दिया अपना स्वप्न। इसी प्रकार, हम प्रतिफल प्रदान करते हैं सदाचारियों को। (अत:, तुझे हमारे करीबी दोस्त की महानता से सम्‍मानित किया गया।) वास्तव में, ये खुली परीक्षा थी। और हमने उसके मुक्ति-प्रतिदान के रूप में, प्रदान कर दी एक महान

बली। तथा हमने शेष रखी उसकी शुभ चर्चा आने वाली नस्‍लों में। सलाम है इब्राहीम पर। इसी प्रकार, हम प्रतिफल प्रदान करते हैं सदाचारियों को। निश्चय ही वह हमारे ईमान वाले भक्तों में से था। तथा (इस्‍माइल के बाद) हमने उसे शुभसूचना दी इस्ह़ाक़ की, वह (भी) नबी था, जो सदाचारियों में था।

इस कथन से भी यह पता चलता है कि हज़रत इस्‍हाक का जन्म हज़रत इस्माइल के बाद हुआ था, न कि हज़रत इब्राहिम के परीक्षण के बाद। इसलिए, यह पूरी निश्चितता के साथ कहा जा सकता है कि हज़रत इस्माइल को बलिदान (कुरबानी) के लिए पेश किया गया था।

विवाह

जब इब्राहीम को एहसास हुआ कि वह अपने सांसारिक जीवन के अंत के करीब है, तो वह इस्हाक को विवाहित अवस्था में देखना चाहते थे। क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि इस्‍हाक कनानियों में से किसी से विवाह करे जो मूर्तिपूजक हो, इसलिए उन्होंने इस्हाक के लिए दुल्हन चुनने के लिए एक भरोसेमंद सेवक को इराक के हारान में भेजा। सेवक ने रेबेका बिन्‍त बतूएल इब्‍न नाहोर 13 को चुना। इस्हाक ने रेबेका से शादी की और उससे जुड़वा बच्चों का जन्‍म हुआ जिनका नाम एसाव और याकूब (जैकब) रखा गया। 14

पैगंबरी (नुबुव्वत)

पवित्र कुरआन कहता है कि यूसुफ ने अपने पूर्वजों (अब्राहम, इसाक और जैकब) के रास्ते का पालन किया और किसी को भी अल्लाह का साझी नहीं बनाया। 15 इससे पता चलता है कि इस्‍हाक एक एकेश्वरवादी (तौहीद-परस्‍त) थे जो अपने पिता इब्राहीम के धर्म का पालन करते थे। इसके अलावा, अपने भाई इस्‍माइल की तरह, इस्हाक को भी पैगंबरी से सम्‍मानित किया गया। जैसा कि पवित्र कुरआन कहता है:

  وَبَشَّرْنَاهُ بِإِسْحَاقَ نَبِيًّا مِّنَ الصَّالِحِينَ 112 16
  तथा (इस्‍माइल के बाद) हमने उसे शुभसूचना दी इस्ह़ाक़ की, वह (भी) नबी था, जो सदाचारियों में था।

इस्हाक ने अपने पिता इब्राहीम और अपने बड़े भाई इस्‍माइल के नक्शेकदम पर चलते हुए, जब तक वह जीवित रहे, अपने लोगों तक खुदा का संदेश पहुँचाते रहे। उनके निधन के बाद, इस्‍हाक और उनकी पत्नी को इब्राहिम मस्जिद में दफनाया गया, जिसे हेब्रोन में पैट्रिआर्क की गुफा (Cave of the Patriarchs) के नाम से भी जाना जाता है, वहां यह दर्ज है कि वह 180 साल तक जीवित रहे। 17

 


  • 1 The Bible, Genesis 21: 3
  • 2 Holy Quran, Al-Saffat (The Ranking) 37: 112
  • 3 The Bible, Genesis 17: 15-21
  • 4 The Bible, Genesis 17: 17-19
  • 5 Holy Quran, Hud 11: 69-73
  • 6 Abul Fida Ismail bin Kathir Al-Damishqi (2014), Al-Bidayah wa Al-Nihayah (Translated by Rafiq Abdul Rehman), Darul Isha’at, Karachi, Pakistan, Vol. 1, Pg. 257.
  • 7 The Bible, Genesis 22: 1-2
  • 8 The Bible, Genesis 16: 1-4
  • 9 The Bible, Genesis 16: 11
  • 10 The Bible, Genesis 16: 15-16
  • 11 The Bible, Genesis 17: 15-21
  • 12 Holy Quran, Al-Saffat (The Ranking) 37: 101-112
  • 13 Abul Fida Ismael bin Kathir Al-Damishqi (N.D.), Stories of the Prophets (Translated by Muhammad Mustapha), Darus Salam, Riyadh, Saudia Arabia, Pg. 55.
  • 14 The Bible, Genesis 25: 21-26
  • 15 Holy Quran, Yousef (Prophet Joseph) 12: 38
  • 16 Holy Quran, Al-Saffat (The Ranking) 37: 112
  • 17 The Jewish Encyclopedia (Online): https://www.jewishencyclopedia.com/articles/8148-isaac: Retrieved: 25-03-2021